सुपरस्टार आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म सितारे ज़मीन पर ने 20 जून, 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है, और पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर ₹11.5 करोड़ का अनुमानित नेट कलेक्शन किया। यह फिल्म भारत में औसत शुरुआत करने में सफल रही, जबकि विदेशी कलेक्शन के आंकड़े अभी पूरी तरह से सामने नहीं आए हैं।
सितारे ज़मीन पर का पहले दिन का भारत में कलेक्शन और थिएटर ऑक्यूपेंसी:
Sacnilk के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, ‘सितारे ज़मीन पर’ ने अपने पहले दिन भारत में सभी भाषाओं में ₹11.7 करोड़ का नेट कलेक्शन किया है। इसमें से हिंदी संस्करण का योगदान ₹11.50 करोड़, तमिल से ₹5 लाख और तेलुगु से ₹15 लाख रहा है।
फिल्म ने हिंदी भाषी क्षेत्रों में पहले दिन कुल 21.43% ऑक्यूपेंसी दर्ज की। सुबह के शो में ऑक्यूपेंसी 16.74% रही, जो दोपहर के शो में 16.25% पर स्थिर रही। हालांकि, शाम के शो में इसमें थोड़ा उछाल देखा गया और यह 20.21% तक पहुंच गई, जबकि रात के शो में सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। जयपुर क्षेत्र में सबसे अधिक 29.33% ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई।
यह कलेक्शन आमिर खान की पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (₹11.7 करोड़) के पहले दिन के कलेक्शन से थोड़ा कम है। हालांकि, यह ‘तारे ज़मीन पर’ (₹2.62 करोड़) के ओपनिंग डे कलेक्शन से काफी बेहतर है।
सितारे ज़मीन पर का विदेशी कलेक्शन
फिलहाल, ‘सितारे ज़मीन पर’ के विदेशी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के सटीक आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं। उम्मीद है कि सकारात्मक वर्ड-ऑफ-माउथ के साथ फिल्म आने वाले सप्ताहांत में गति पकड़ेगी, जैसा कि ‘तारे ज़मीन पर’ के साथ हुआ था।
‘सितारे ज़मीन पर’ से उम्मीदें अधिक थीं, लेकिन पहले दिन की औसत शुरुआत के बावजूद, फिल्म के कंटेंट और सकारात्मक प्रतिक्रियाओं को देखते हुए, यह आने वाले दिनों में बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
सितारे ज़मीन पर फिल्म के बारे में
आर. एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित और आमिर खान द्वारा निर्मित, ‘सितारे ज़मीन पर’ 2007 की सफल फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ का दूसरा पर पार्ट बताया जा रहा है। लेकिन दोनों फिल्मो की कहानी पूरी तरह अलग है।
यह फिल्म 2018 की स्पेनिश फिल्म ‘चैंपियंस’ की आधिकारिक रीमेक है। फिल्म में आमिर खान और जेनेलिया देशमुख मुख्य भूमिकाओं में हैं, साथ ही 10 नए कलाकार भी अभिनय की दुनिया में कदम रख रहे हैं।
यह एक स्पोर्ट्स कॉमेडी ड्रामा है जो एक निलंबित बास्केटबॉल कोच की कहानी बताती है, जिसे सामाजिक सेवा के रूप में बौद्धिक अक्षमता (Intellectual Disabilities) विशेष ज़रूरतों वाले खिलाड़ियों की एक टीम को टूर्नामेंट के लिए तैयार करने में मदद करनी होती है।
फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं, जो इसके भावनात्मक और प्रेरणादायक कथानक की सराहना कर रहे हैं।