Son of Sardaar 2 Review: भारत-पाकिस्तान के चुटकुले भारी, कहानी रह गई फीकी
पढ़िए सन ऑफ सरदार 2 रिव्यू। स्कॉटलैंड में भारत-पाकिस्तान के मज़ेदार पंच और अजय देवगन की मौजूदगी, क्या यह सीक्वल मनोरंजन कर पाया? जानिए पूरी समीक्षा।

कई वर्षों बाद ‘सन ऑफ सरदार 2’ के साथ अजय देवगन की लोकप्रिय किरदार जस्सी लौट आए हैं, इस बार पंजाब से सीधा स्कॉटलैंड की हसीन वादियों में। दर्शकों को उम्मीद थी कि यह सीक्वल भी पहले फिल्म वाला मनोरंजन और मस्ती वापस लाएगा। लेकिन क्या जस्सी की यह विदेश यात्रा दर्शकों का दिल जीत पाती है?
जबरन हास्य और स्कॉटलैंड की पृष्ठभूमि
इस बार जस्सी स्कॉटलैंड में अजनबी बन कर तमाशे में फंसते हैं—कभी किसी की शादी का बाप बनकर, कभी आर्मी के फर्जी सिपाही बनकर। हालांकि पंजाब से स्कॉटलैंड का सफ़र नयापन लाता है, पर हास्य मजबूरन लगता है और भारत-पाकिस्तान के चुटकुलों पर ही फिल्म निर्भर दिखती है। दर्शकों को सच में हंसाने वाले पल बहुत कम हैं।
ना के बराबर केमिस्ट्री
अजय देवगन और मृणाल ठाकुर (रबिया, एक पाकिस्तानी वेडिंग डांसर) की जोड़ी प्रभावित नहीं करती। उनकी रोमांटिक सीन और संभावित किस का पल न रोमांटिक है, न मज़ेदार; बस अ awkward ही लगता है। उनका रिश्ता न के बराबर असलियत छू पाता है।
सपोर्टिंग कास्ट ने बढ़ाया दम
मुख्य कलाकारों के फीके प्रदर्शन के बीच, सह-कलाकारों ने फिल्म को थोड़ा संभाला। रवि किशन एक पाक-विरोधी व्यापारी की भूमिका में बेहतरीन संवाद और कॉमिक टाइमिंग से रंग जमा देते हैं। दीपक डोबरियाल और संजय मिश्रा अपनी-अपनी भूमिकाओं में अलग रंग भरते हैं और फिल्म के कॉमेडी व इमोशनल हिस्सों को काफी हद तक संभाल लेते हैं।
बेमजा़ ह्यूमर और फीकी एक्शन
भले फिल्म को एक्शन-कॉमेडी बताया गया, अजय देवगन ज्यादातर मूकदर्शक ही लगते हैं। एक-दो दृश्यों को छोड़ दें तो एक्शन नदारद है। हास्य के मोर्चे पर भी दूसरी छमाही में कुछ हंसी आती है, पर ज़्यादातर मज़ाक जबरदस्ती और कटा-कटा लगता है।
कमज़ोर कहानी और भटके संदेश
पाकिस्तान को दिखाने में फिल्म संतुलन साधने की कोशिश तो करती है, लेकिन कई बार चुटकुले और किरदार रूढ़िवादी दिखते हैं। कुछ खूबसूरत भावुक पल जैसे कि मुकुल देव को श्रद्धांजलि, थोड़ी देर के लिए भाते हैं पर कहानी में जान नहीं फूंक पाते।
वर्डिक्ट
‘सन ऑफ सरदार 2’ एक साफ-सुथरी पारिवारिक फिल्म है जिसमें कॉमेडी, ड्रामा, देशभक्ति और रोमांस सब कुछ घोलने की कोशिश की गई है, लेकिन ये कोई भी तत्व गहराई से दिल तक नहीं पहुँचता। सपोर्टिंग कास्ट बढ़िया प्रदर्शन करती है, लेकिन मुख्य जोड़ी और कमजोर कहानी फिल्म को हल्का बना देती है।
रेटिंग: 2.5/5 स्टार
मुख्य कलाकार (Main Cast):
- अजय देवगन – जसविंदर “जस्सी” सिंह रंधावा
- मृणाल ठाकुर – राबिया
- रवि किशन – राजा
- नीरू बाजवा – डिंपल
- दीपक डोबरियाल – गुल
- कुब्रा सैत – महविश
- चंकी पांडे – दानिश
- संजय मिश्रा – बंटू पांडे
- शरत सक्सेना – रंजीत सिंह
- मुकुल देव – टोनी
- विंदु दारा सिंह – टीटू
- रोशनी वालिया – सबा
- अश्विनी कालसेकर – प्रेमलता
- साहिल मेहता – गोग्गी
- डॉली अल्हुवालिया – जस्सी की मां (बेबे)
- नलनीश नील – केशव
मुख्य क्रू (Main Crew):
- निर्देशक: विजय कुमार अरोड़ा
- निर्माता: अजय देवगन, ज्योति देशपांडे, एन.आर. पचीसिया, प्रवीण तलरेजा
- छायाकार: असीम बजाज
- संगीत: तेजवंत किट्टू, तनिष्क बागची, जानी, हर्ष उपाध्याय, जय मवानी, लिजो जॉर्ज, डीजे चेतस, सन्नी विक, विशाल मिश्रा, हिमेश रेशमिया